Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -15-Nov-2022 जल है तो कल है

विषय-जल है तो कल है

जल है तो कल है,
जल के बिन जीवन व्यर्थ है।

घुमड़ घुमड़ के बादल मंडराते,
बरसात का संकेत दे जाते।

जब भी आए बरसा,
पानी को करो तुम इकट्ठा।

जब ना होता जल,
खेत खलियान हो जाते नष्ट।

चारों तरफ पड़ जाता अकाल,
चारों तरफ दिखाई देता विनाश।

जल जीवनदान ही नहीं,
प्रकृति को देता हरियाली।

ओढ़कर हरी हरी चुनरिया,
प्रकृति में छाती प्रसन्नता।

जहां भी देखो नल खुल्ला,
बंद करना कभी ना भूलना।

जितना हो पानी का काम,
उतना प्रयोग करो आज।

जल की होती बहुत ही कीमत,
जिस पर निर्भर हमारा जीवन।

पानी की करो तुम बचत,
नहीं तो जीना हो जाएगा दुर्लभ।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

   14
5 Comments

Sachin dev

16-Nov-2022 04:25 PM

बहुत खूब

Reply

Gunjan Kamal

16-Nov-2022 08:29 AM

Nice 👍🏼

Reply

संदेश देती हुई रचना

Reply